ఆంటీ ఎక్స్పోజింగ్
ఆంటీ ఎక్స్పోజింగ్, बोल चोदेगा न अपनी माँ को ,इसी मस्त लन्ड से उसके भोंसडे को , बोल ,बोल चढ़ेगा न उसके ऊपर , चोदेगा न अपनी माँ के भोसड़े को मैं भी न कहीं से कहानी शुरू कर देती हूँ ,इसलिए तो न तो मेरी कहानी को कोई पढता है और न लाइक करता है। अरे कहानी शुरू से शुरू कर और अंत पे खत्म और फिर जब कहानी अपनी हो , अपनी जुबानी हो तो फिर ये उछल कूद क्यों ,
बेटा तुम अंदर टीवी लाउन्ज में बैठो में तुम्हारे लिए पानी ले कर आती हूँ कहते हुए रज़िया बीबी पानी लेने किचन में चली गई. उन्होंने हामी में सर हिलाया और दोनों हाथों से उनका सर कस के पकड़ के , अपने निपल को पूरा उनके मुंह में ठूंस दिया और , चिढ़ाते हुए कहा ,
.ये साफ़ था गीता का पेटीकोट सरक के जाँघों के एकदम ऊपरी हिस्से तक पहुंच गया था ,क्योंकि मेरा सर उसने अपनी खुली मखमली जाँघों पर रखा था और धीरे धीरे अपनी उँगलियों से मेरे सर में ,माथे पर ,कनपटी पर तेल लगा रही थी। ఆంటీ ఎక్స్పోజింగ్ कड़े कड़े किशोर उभार गोरे गोरे दूध से छलछलाते, उनकी ललचायी निगाहें बार बार वहीँ , और उन्होंने हाथ बढाया ,
दिल्ली से पटना फ्लाइट
- पहले तो उन्होंने अपनी जीभ की नोक से जांघ के ऊपरी हिस्से पर , अपनी सास की गुलाबो के चारो और , एक एक बूँद चाट डाली ,
- प्रीतम- ना रे, कश्मीर मे तैनात है आजकल. तो हम फिलहाल ससुराल मे ही जमे है , इधर तो मैं अकेली ही आई हूँ ना, ताऊ जी के पोता हुआ है तो उसी का प्रोग्राम है बच्चों को भी सास-ससुर के पास छोड़ के आना पड़ा. अब सर्दी का मौसम है उनको संभालू या प्रोग्राम को एंजाय करू. ट्रिपल एक्स हिंदी में
- मैंने अपनी लता सी टांगों को उनकी पीठ के ऊपर कर के अच्छी तरह बाँध दिया , और अब लिंग मेरी गीली योनि से बार बार रगड़ खा रहा था। हाँ एकदम , बहुत मजा आएगा , ..बड़ी बड़ी कड़ी कड़ी चूँचियों को पकड़ के , सच में मेरा बहुत मन करता था टिट फक का ,...
- ఆంటీ ఎక్స్పోజింగ్...२ अगर दोनों कबूतरियों के संस्कारी से सुसंस्कारी बनने के दौरान उन्हें कुछ शक हो गया तो वो उन्हें बोर्डिंग में कहीं बाहर शिफ्ट कर सकती हैं। और फिर अपनी बेहन को चोदते चोदते जमशेद को नज़ाने की सूझी. के उस ने भी अपनी बेहन के ऊपर लेटते हुए नीलोफर के मुँह में धन्से हुए ज़ाहिद के मोटे तगड़े लंड के ऊपर अपनी ज़ुबान रख दी और ज़ाहिद का लंड सक करने लगा.
- और थोड़ी देर में उनका कंट्रोल खत्म हो गया था मेरे धक्को का जवाब वो दूनी स्पीड से देने की कोशिश कर रहे थे , पूरी ताकत से धक्के पे धक्का , सिर्फ अपने होंठों से पकड़ के ,वो मस्त मिठाई मैंने मुंह में ले ली और हलके हलके लॉलीपॉप चुभलाने लगी ,चूसने लगी।
তামিল সেক্স তামিল সেক্স
क्या फ़ायदा इस खोबसूरती और जवानी का यार जब शोहर ही पास ना हो नीलोफर भी अपनी तारीफ सुन कर मुस्कुराइ और शाज़िया के नज़दीक होते हुए बोली.
मगर अब यह पता चलने के बाद कि आज जिस लड़के,लड़की को उस ने चुदाई करते हुए पकड़ा है .वो एक आम कपल नही बल्कि सगे बेहन भाई हैं. कुछ देर उसने काम की बातें की ,कुछ देर गप्पे , और जब मैं फिर सास दामाद की ओर मुड़ी तो गर्मी काफी बढ़ चुकी थी।
ఆంటీ ఎక్స్పోజింగ్,मगर मज़े के साथ साथ शाज़िया की शरम भी उस का साथ छोड़ने पर तैयार नही थी. इसीलिए उसे समझ नही आ रही थी कि वो अपने भाई की इस हरकत पर किस तरह का रिएक्ट करे.
आडिएंस में कोई बोलेगा , अरे स्साली का माल तो दिखा मर्द पसंद भी करें ,... ब्रा के अंदर असली है या प्लस्टिक ,...
पर वो पॉसिबल नहीं था , क्योंकि साइट्स पे मैं घूम टहल सकती थी वो भी सिरफ ५ मिनट के लिए उसके बाद साइट पे रजिस्टर करना होता।निशा मेहंदी बालों में कैसे लगाएं
ज़ाहिद ने अपना यूनिफॉर्म चेंज किया और सिर्फ़ शलवार पहने ही बिस्तर पर लेट कर नीलोफर की सहेली साजिदा (शाज़िया) को हेलो का एसएमएस सेंड कर दिया. लेकिन सबसे मजा तब आया जिस दिन मैंने उन्हें बैगन खिलाया , शाम से मैं उन्हें चिढ़ाती रही , आज 'तेरी वाली' की फेवरिट सब्जी है।
थोड़ी देर में उनका तिहरा हमला चालू हो गया था , एक हाथ चूंची दबाता ,कभी निपल मसलता तो दूसरा , क्लिट सहलाता रगड़ता , और होंठ कभी गाल पे तो कभीजुबना पे।
कल उस का मोबाइल फोन उस के हाथ से गिर कर टूट जाने की वजह से उस के पास अब कोई फोन नही था. इस लिए ज़ाहिद ने एक नया फोन मोबाइल खरीदने का इरादा किया.,ఆంటీ ఎక్స్పోజింగ్ फिर स्टूल पर अपनी टाँग को इसी स्टाइल में रख कर शाज़िया ने ड्रेसिंग टेबल से स्किन माय्स्चर क्रीम उठाई.और एक एक कर के अपनी दोनो गुदाज रानों और लंबी लंबी टाँगों पर क्रीम लगाने लगी.